प्रधानमंत्री मोदी का फ्रांस के बाद संयुक्त अरब अमीरात का दौरा पूरा कर चुके हैं 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी की ये पांचवी यात्रा है नरेंद्र मोदी 2014 में जब प्रधानमंत्री बने तो 2002 के गुजरात दंगों को लेकर खाड़ी देशों में बनी उनकी छवि से लग रहा है था कि इसका असर भारत के साथ उनके संबंधों पर बढ़ सकता है
लेकिन इसके उलट उन्हें खाड़ी देशों के साथ भारत 8 साल के शासन में उन्होंने खाड़ी के इस्लामिक देशों से बहुत ज्यादा गंभीर होने से बचाने के लिए लिया है जहां तक यूएई का सवाल है तो मोदी ने यहां का पहला दौरा अगस्त 2015 में दूसरा फरवरी 2018 में और तीसरा अगस्त 2019 में किया और चौथा दौरा जून 2022 में किया था मौजुदा दौरा यूएई का उनका पांचवा दौरा है जब मोदी ने अगस्त 2015 में यूएई का पहला दौरा किया तो ये पिछले 34 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला दौरा था
मोदी से इकोनॉमी या एक्सपेक्टो एक्ट यानी अप्राभासी भारतीय पिछले वित्त वर्ष के दौरन यूएई भारत को कच्चा तेल सप्लाई करने वाला तीसरा बड़ा देश था भारत के तेल आयत में इसकी 10 फिसदी हिस्सेदारी थी लेकिन भारत यूएई से अब गैर तेल कारोबार करना चाहता है और इस करोबार को 2030 तक बढ़ाकर 100 अरब डॉलर तक ले जाने का फैसला किया है भारत और यूएई के बीच बढ़ते रिश्ते में डोनों के बीच पिछले साल हुआ सीपी यानि व्यापक आर्थिक भारत की ओर से किया गया पहला मुक्त व्यापार समझौता है यूएई 2021 2022 में भारत का तीसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है
अमेरिका की बाद भारत सबसे ज्यादा निर्यात यूएई में करता है यूएई के साथ भारत के करोबारी रिश्ते जिस तेजी से बढ़ रहे हैं वहां काई निवेशकों के लिए चौंकने वाला है यूएई अब भारत में चौथा सबसे बड़ा निवेशक बन गया है इस समय भारत में इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर के साथी या मध्य पूर्व मामालों की जानकर फज्र रहमान सिद्दीकी कहते हैं कि मोदी सरकार के मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसे अभियानों में यूएई को संभावनाएं दिख रही हैं और वह इसमें निवेश बढ़ा रहा है वाह कहते हैं कि भारत में संयुक्त अरब अमीरात के निवेश और करोबार में लगातार निरंतर दिख रहा है यह बड़ी बात है क्योंकि करोबारी समझौता तो हम उच्छल डोनॉन देश के रिश्तों की गहराई को बयान कर रहे हैं
सऊदी अरब की तरह ही संयुक्त अरब अमीरात भी अपनी अर्थव्यवस्थ में विविधता लाना चाहता है यूएई तेल आधार अर्थव्यवस्थ पर अपना निर्भता काम करना चाहता है इस तरह दुनिया भर में निवेश के नए ठिकाने ढूंढ रहा है इसके साथ अब उसका फोकस फूड बिजनेस ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर और रियल स्टेट पर है इने सभी करोबारों को रूस यूक्रेन युद्ध से खाड़ी देश को पूर्ण रूप से करने को मजबूर किया है सप्लाई रूस और यूक्रेन से आता है अब एक खाद्य अधिशेष देश होने की स्थिति में भारत भूमिका में विशेष बैठा है यूएई की भारत के साथ हथियारों में भी समझौता हो सकता है वह भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदना चाहता है
इसके साथ, वाह भारत के साथ मिल्कर मिलिट्री हार्डवेयर की भी भारत का मुख्य समर्थन रहा है भारत जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर खुद को मुखर पर रखा है यूएई भी स्वच्छ ऊर्जा के मुद्दे पर काफी मुखर है वाह इस बार संयुक्त राष्ट्र की 28 पर जलवायु परिवर्तन सम्मेलन का आयोजन कर रहा है भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मौजुदा हुई यात्रा में टॉप 28 के अध्यक्ष के तौर पर यूएई के अध्यक्ष को पूरा समर्थन देने का वादा किया है यूएई की लगभाग 1 करोड़ की आबादी में 35% भारतीय अप्रवासी है यह लोग वहां के हर क्षेत्र में काम करते हैं और संयुक्त अरब अमीरात की अर्थ व्यवस्था के लिए अपरिहारित बने हुए हैं |